June 2017 20 सियासत Posted By : kanoos Comments Off on सियासत गज़ल – प्रेमचंद सहजवाला न हिन्दू की न मुस्लिम की किसी ग़लती से होता है यहाँ दंगा सियासतदान की मर्ज़ी से होता है ज़मीं सरमाएदारों की है या है हम किसानों की हमारे मुल्क में Read More