June 2017 20
‘नॉस्टाल्जिया’ – प्रेमचंद सहजवाला
Posted By : kanoos
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सन् 70-80 के दशक में मैं सोनीपत में तैनात था व खूब कहानियां लिखता था. तभी एक दिन एक मित्र ने आ कर बताया कि दिल्ली में मन्नू भंडारी की कहानी ‘यही सच है’ पर