June 2017 20
मेरी ‘सिस्टर’
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मेरी ‘सिस्टर’ संस्मरण – प्रेमचंद सहजवाला भारतीय समाज नारी पुरुष सन्दर्भ में कई पुराने धरातलों पर से चलता हुआ अब कम से कम शहरों में किसी आधुनिक व शिक्षित कही जा सकने वाली ज़मीन पर

June 2017 20
‘नॉस्टाल्जिया’ – प्रेमचंद सहजवाला
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सन् 70-80 के दशक में मैं सोनीपत में तैनात था व खूब कहानियां लिखता था. तभी एक दिन एक मित्र ने आ कर बताया कि दिल्ली में मन्नू भंडारी की कहानी ‘यही सच है’ पर

June 2017 20
जनता ने भर दी है हामी, एम एल ए होंगे गोस्वामी
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>जनता ने भर दी है हामी एम.एल.ए होंगे गोस्वामी – चुनाव संस्मरण – प्रेमचंद सहजवालासन् 1969 की बात है. तब उत्तर प्रदेश में अचानक मध्यावधि चुनाव घोषित हो गए थे. एक तो हमारी पढ़ाई में