June 2017
29
चाँद तनहा है आसमाँ तनहा…कहानी – प्रेमचंद सहजवाला
Comments Off on चाँद तनहा है आसमाँ तनहा…कहानी – प्रेमचंद सहजवाला
तीन मूर्ति पुस्तकालय तक पहुंचना यह मात्र तीसरी बार हो रहा था पर इस बार अच्छा फंसा. लोहिया हस्पताल के बाद उधर जाने वाली बस नहीं दिखी तो एक ऑटो में ज़बरदस्ती बैठ गया. पर